“माँ जी!…हाय!माँ जी!…हाय!” एक बार,दो बार,पर तीसरी बार,”हाय हाय!” की करुण पुकार सावित्री सहन न कर सकी।कार्बन पेपर और डिजाइन की कॉपी वहीं कुर्सी पर पटककर शीघ्र ही उसने बाथरूम के दरवाजे से बाहर खड़े कमल को गोद में उठा लिया और पुचकारते हुए कहा,”बच्चे सवेरे-सवेरे नहीं रोते।” “तो निर्मला मेरा गाना क्यों गाती है,और […]
हिन्दी का श्रेष्ठ और कालजयी साहित्य
राहुल सांकृत्यायन ने अपनी पुस्तक ‘काव्यधारा’ में 7वीं सदी के अपभ्रंश के कवि सरहपा को हिन्दी का पहला कवि माना है. डॉ रामकुमार वर्मा हिन्दी साहित्य का प्रारम्भ संवत् 750 से मानते हैं. जॉर्ज ग्रियर्सन के अनुसार, हिन्दी साहित्य की शुरुआत संवत् 700 (643 ई) से होती है. स्पष्टतया, अधिकांश विद्वान अपभ्रंश के उस दौर […]
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के आदिकाल को वीरगाथा काल नाम दिया है. इसके लिए तर्क देते हुए वो कहते हैं- “ राजाश्रित कवि और चारण जिस प्रकार नीति, श्रृंगार आदि के फुटकल दोहे राजसभाओं में सुनाया करते थे, उसी प्रकार अपने आश्रयदाता राजाओं के पराक्रमपूर्ण चरितों या गाथाओं का वर्णन भी किया करते […]
अमीर खुसरो को खड़ी बोली हिन्दी का पहला कवि माना जाता है. इस भाषा का हिन्दवी नाम से उल्लेख सबसे पहले उन्हीं की रचनाओं में मिलता है. हालांकि वे फारसी के भी अपने समय के सबसे बड़े भारतीय कवि थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता का मूल आधार उनकी हिन्दी रचनाएं ही हैं. अबुल हसन यमीनुद्दीन मुहम्मद […]
बड़ी देर के वाद – विवाद के बाद यह तय हुआ कि सचमुच नौकरों को निकाल दिया जाए. आखिर, ये मोटे-मोटे किस काम के हैं! हिलकर पानी नहीं पीते. इन्हें अपना काम खुद करने की आदत होनी चाहिए. कामचोर कहीं के. “तुम लोग कुछ नहीं! इतने सारे हो और सारा दिन ऊधम मचाने के […]