पुस्तकें फाड़ने वाला भूत- मस्तराम कपूर 'उर्मिल'
घंटी की आवाज सुनते ही खेल के मैदान में भगदड़ मच गई. लड़के खेल छोड़कर अपने कमरों की और भागे. अशोक तो ‘कबड्डी-कबड्डी’ करता हुआ ही अपने कमरे में पहुँच गया. डेस्क के नीचे पड़े हुए जूते पहनने के लिए वह जैसे ही झुका, उसकी नजर अपनी पुस्तक पर पड़ी. पुस्तक औंधे मुँह पड़ी थी. […]