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2 Comments

  1. राजेन्द्र प्रसाद सिंह
    July 18, 2022 @ 3:33 pm

    बहुत सुन्दर वर्णन, पूरी पुस्तक पढ़ने की आवश्यकता को समाप्त सा करता । सूफी कवियों में प्रेम मुख्य प्रतिपद्य विषय होता है । सूफी धारा का ही प्रभाव मीरा, घनानंद, महादेवी, जैसे हिंदी कवियों में दिखाई देता है जिनके काव्य में संयोग जनित सुख कहीं नहीं, पर विरह की आग उनके समूचे साहित्य में दहकती दिखाई देती है. ।

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  2. Suparna Tandon
    July 21, 2022 @ 2:11 pm

    Damptya Jeevan Ka vastvik chitran

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